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Happy Independence Day Special Quote for the Nation

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'' सलाम है उस मिट्टी को जिसके खातिर हजारों योद्धाओं ने जान कुर्बान कर दी ,,  Happy Independence Day Author - Amit Rockz Happy Independence day

11/08/2020 विश्व का सबसे खुशी का दिन आज ही के दिन रूस ने कोविड - 19 की पहली वैक्सीन बनाई।

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11/08/2020 Day of Happiness in the World First Vaccine developed by Russian Scientist Covid-19 का टीका (Vaccine) आज ही के दिन बना और रूस (Russia ) ने सबसे पहले बनाया यह इतिहास में दर्ज किया जाता है। पुरी दुनिया में अबतक 7,35,892 लोग कोरोनावायरस से मारे जा चुके हैं।  यह बात पुरी दुनिया याद रखेगी की रूस ने सबसे पहले टीका (Vaccine ) बनाईं थी और करोड़ों लोगों को बचाया था। रूस की वैक्सीन 12/08/2020 को रजिस्टर्ड होना था, लेकिन इमेरजैंसी मिटिंग के बाद यह वैक्सीन 11/08/2020 को ही रजिस्टर कर दिया गया। कोरोना की पहली वैक्सीन  रूस के राष्ट्रपति के बेटी को दी गई।  Mariya Putina - Vladimir Putin ( President of Russia ) कोरोना की वैक्सीन अब रूस में सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को दी जाएगी, उसके बाद सीनियर सिटीजन को।  इस वैक्सीन का उनके पास अभी लिमिटेड डोज है। इसलिए अन्य देशों में सितंबर, अक्टूबर में कोरोना की वैक्सीन रूस भेजेगा।  रुस ने जो मेहनत किया, उसका फल उसे मिल ही गया। अब हम सभी देश वासियों को बस इस बात का इंतजार रहेगा की हमारे देश में वैक्सीन कब आएगी। रूस के अलावा और भी कई सारे देश फेज -2 को

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"जब इंसाफ का बाज़ार ही बिक गया  तो हम किस इंसाफ का बाज़ार लगाए ,, Author - Amit Rockz Sad Quote

The Last Man - Friendship Day Special, Thriller Story

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The Last Man समय कितना भी क्यों ना बीत जाये लेकिन जब भी सपना आता है तब सब कुछ सारी यादें ताजा हो जाती है। चार साल पहले की बात है। उस वक़्त मैं माउंटेन ट्रैकिंग किया करता था। हमारी 18  लोगो की बेस्ट टीम थी।  हमारे नाम कई रिकॉर्ड थे , जैसे भारत का माउंट एवेरेस्ट , और केदारनाथ की वादियां , लदाख। दुनिया के बड़े - बड़े माउंटेन में हमें चढ़ने का काफी शौक था।  जब आपका नाम रिकॉर्ड में दर्ज होने लगे तो शौक और मज़ा दोनों आने लगता है , इस तरह हमने जापान , अमेरिका , अफ्रीका जैसे कई देशो में घूमने का और चढ़ने का काम किये।  जब किस्मत आपके साथ हो तो आप कुछ भी कर सकते हो।   Germany - The Black Forest  जर्मनी का ब्लैक फ़ॉरेस्ट  काफी बड़ा है , अगर यहां आपको रहने का सही हुनूर मालूम ना हो तो आप एक दिन भी ज़िंदा नहीं रह सकते।  हम यहां जाने वाले थे। सारी तैयारी से हम सुबह में निकले हमारी पूरी टीम इस दौरान हमे बाहर से कोई नहीं मदद नहीं मिलने वाली थी।  जब हम लोग जंगल में घुसे तो लग नहीं रहा था की इतना डरावना हो सकता है जंगल शुरू - शुरू में काफी मज़ा आता है।   इस तरह पुरे एक दिन सफर करने के बाद हम लोग जंगल में काफी अंदर

मुंशी प्रेमचंद की सीख़ - Premchand Day Special

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31 जुलाई ,1880 - 08 अक्टूबर , 1936 Munshi Premchand मुंशी प्रेमचंद लेखक की दुनिया के बेताज बादशाह, आज हर कोई मुंशी प्रेमचंद के जैसा लिखना चाहता है, बात ही थी उनमें कुछ ऐसा की हर कोई उन्हें पसंद करता है। आज सुबह मैं पेपर खोला तब पता चला की आज प्रेमचंद जयंती है।  पेपर में बहुत कुछ दिया हुआ था तो मैंने सबकुछ पढ़ा। पढ़ - कर समझ आया की अगर आपको किताबें पढ़ने का शौक नहीं है तो आप मुंशी प्रेमचंद की बहुत बड़ी सीख नहीं ले पाएंगे क्योंकि जितनी गहराई से वे लिखते थे उतनी गहराई से आप फिल्म में उनकी सीख कभी नहीं ले पाएंगे और अगर आप एक लेखक बनना चाहते है फिर तो इनकी हर स्टोरी आपको पढ़नी चाहिए तभी आप एक अच्छे लेखक बन सकते है।  सुबह में जब पेपर पढ़ रहा था तभी मेरी नजर मुंशी प्रेमचंद के द्वारा लिखी कहानी कश्मीरी सेब.... पर गयी जिस तरह से कहानी को लिखा गया था वो कहानी बहुत देर तक मेरे दिमाग में घूमता रहा। फिर मैंने सोचा क्या इतनी सी बात कहानी बन सकती है तो सोचा लिख कर देखता हूँ शायद किसी को पसंद आ जाये।  इतनी सी बात कहानी बन गयी।  इंसान जब फेल होता है , तभी मेहनत करना जनता है।  सोशल मीडिया का जमाना है , और हर

Latest Life Quote - Sasaplanet

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'' ज़माना था कुछ कर गुजरने का और लोग ज़माना गुज़ार रहे थे,, Life Quote Life Quote in English ''It was a time to do something And People were passing the Time,, Author- Amit Rockz Life Quote

Pandemic in a village - Pandemic story

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Pandemic in a village  गांव की बात ही अलग है, इस महामारी में सबसे ज्यादा सुरक्षित गांव वाले ही थे, लेकिन धीरे-धीरे महामारी गांव में भी फैलने लगी। कई महीनों से गांव में रहते - रहते थक गया था। इससे पहले कभी इतनी लम्बी छुट्टी पर नहीं रहा था।  हर रोज बस एक ही रूटीन फोलो करके काफी थक गया था। लिखना तो बहुत कुछ चाहता था। ऐसी - ऐसी कहानियां लिखना चाहता था कि सबका रिकोर्ड तोड़ दूं, लेकिन अब इतने महीने घर में रहने के कारण कोई शब्द ही नहीं मिल रहे थे।  ये सच और महामारी ऐसा था मानो जैसे मैं शहर से लोगों से बचकर मैं किसी आईलैंड में छिपा हूं। उस आईलैंड से मैं बाहर नहीं निकल सकता और अगर गलती से भी निकलने की कोशिश की तो वायरस की चपेट में आकर मेरी दर्दनाक मौत भी हो सकती है।   अप्रैल 2020 तक शहर के आदमी एक-दूसरे से डरते थे, लेकिन 22 जुलाई 2020 तक गांव में वायरस पहुंचने लगा था। हर रोज इस वायरस से हजारों लोग मर रहे थे। डर चारों तरफ था, अब तो गांव में भी लोगों को एक-दूसरे से खतरा ही था। क्या करें और क्या नहीं कुछ समझ नहीं आ रहा था।   किसान और खेती जुलाई में किसान खेती बाड़ी शुरू कर देते हैं। कुछ दिन तक तो