The last day of earth साल 3019 मैं Shreyshi raj हूँ। और ये पृथ्वी का आखिरी दिन है।हमारी दुनिया खत्म होने को है,आधी दुनिया तबाह हो चुकी है। The last day of earth लोग बाढ,सुनामी,भूकंप और पराबैंगनी किरण से तड़प- तड़प कर मर रहे है।इंसानो की एक दुनिया बस बची हुई है ,जो मंगल ग्रह मे बसायी गई थी।तबाही का मंजर खौफनाक होता है, जो सोने नही देता ,लेकिन ये तबाही इतनी खौफनाक है ।मानो की हम नर्क मे अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर भाग रहे है। हम तीन दिनो से लगातार इधर- उधर भाग रहे है,जमीने समुद्र बनते जा रहे है, लगभग हर दो -दो घंटे मे भूकंप आ रहा है।हमलोग किसी तरह universe museum पहुंचे।यहाँ से हमने मंगल ग्रह मे सिग्नल भेजा है,बचाव के लिए उन्होंने बोला हम स्टेलाइट स्टेशन से बचाव दल को भेज रहे है।लेकिन हमे नही पता जब तक वे लोग पहुँचेंगे, तब तक एक भी पृथ्वीवासी जिन्दा बचेंगे , इसकी कोई गारंटी नही है। हमे कुदरत ने रहने के लिए घर दिया और हमने उन्ही को बर्बाद किया।सेकण्ड के हिसाब से पेड़ काटे पैसो के लिए ,रात दिन प्रदुषण फैलाया।शायद अब ये कुदरत हमसे बदला ले रही है। अंत हम इस वक्त यूनिवर्स म