Secret confession of a Greedy Man - Fiction Story
Secret confession
Secret confession |
एक कहानी थी, जो सबको थी सुनानी ।एक सीख थी जो सबको थी दे जानी, लेकिन कभी दें नहीं पाएं और नहीं कहानी सुना पाएं।
लालच की इस जिंदगी में बस सबकुछ खो कर ही गए।
लालच एक ऐसी चीज़ है जो इंसान को उसी के कर्मों से मार गिराता है। 70 साल के हुए तब हमें पता चला नहीं हमारे पास कोई है, और जो बचे थे वो भी चल बसे। 70 साल की उम्र में जब दहलीज छोड़कर अपना पेट पालने निकला तब हमें हमारी मोहब्बत शमा दिखीं। अपने पोते को स्कूल से लेने आई थी।
रिक्शे से उतरने के बाद जब वह पैसे देने आई तब वह मुझे देखकर हैरान रह गई, और मेरी आंखें शर्म से झुक गई। वह बिना कुछ बोले ही चल गई और उसके जाने के बाद मैं उसे देखता रहा। कभी मैं पैसों की लालच की वजह से उसे छोड़कर आया था। और आज भी पैसों के लिए भाग रहा हूं बुढ़ापे में।
12वीं कक्षा में था जब मैं शमा से मिला था। पहली मोहब्बत थी मेरी और मैं उसका। 12वीं का पढ़ाई ख़त्म होने के बाद बाबू जी से कहकर हमने एक टेम्पो खरीदवा ली। अब तो हमारे दोस्त भी हमसे जलने लगें और हम सबको और जलाते। कमाई होती 500 रूपए की मैं बताता 1000 रूपए।
दौर ही कुछ ऐसा था कि हम किस ओर बह गए पता ही नहीं चला।
दो चार महीने में मेरे पास अच्छे खासे पैसे आने लगें। शमा को भी कभी कभी घुमाता साथ में हम पार्क सिनेमा जाया करते।
धीरे-धीरे मेरे बचपन के दोस्तों का साथ छुटता गया और मेरी दोस्ती उन लोगों से हुई जो जिस्म का धंधा करते हैं। मेरे पास काफ़ी पैसे रहते थे तो एक दिन मेरी मुलाकात मंगू से हुई वो टैक्सी चलाता था। मंगू एक दिन बोला आज रात में क्या कर रहे हो। मैं बोला कुछ नहीं तो उसने बोला चलो फिर आज एक मस्त शाम मनाया जाए।
शाम को जब मंगू से मिला तब वह मुझे लेकर एक रेडलाइट एरिया में आया। शुरू शुरू काफी डर लग रहा था। फिर हमने एक वैश्या का नाच देखा और फिर वापस आ गए।
उस रात का मज़ा मुझे कई दिनों तक याद आया। अंदर ही अंदर मैं उस पल को याद करके बहुत खुश हो रहा था कि एक दिन फिर मंगू बोला आज फिर चला जाए क्या?
मैं जाने के लिए तैयार हो गया।
इस तरह लगातार मैं जब वैश्या खाना तीसरी-चौथी बार गया तो मेरे दिमाग में ख्याल आया। वैश्या का धंधा सबसे मस्त है। एक दो बार डांस दिखवाव और उनका मालिक बनके एक ही रात में तीस चालीस हजार रूपए कमा लो। टेम्पो में दिन भर काम करके दो तीन हजार रुपए ही कमा पाता हूं।
अब मुझे वैश्या का धंधा करना था। बड़ी बाजार से एक वैश्या मैंने भी ख़रीदा और लगा दिया काम पर। चार पांच महीना ठीक चला फिर उसे किसी से प्यार हो गया और वो भाग गई।
शमा की शादी कराने की बात उसके घर वाले सोच रहे थे। इसलिए वो मुझ पर जोर दे रही थी कि मैं उसके घरवालों से बात करूं। लेकिन मेरे दिमाग में पैसा दौड़ रहा था।
हालांकि मैंने हार नहीं मानी और बड़े शहरों में जाकर वैश्या का धंधा करने का सोचा। एक दिन मैंने अपना घर परिवार प्रेमिका छोड़कर दूसरे शहर आ गया। यहां मैंने अपना वैश्या का धंधा जमाया। मुझे धंधा करने के लिए पैसे और वैश्या दोनों कम पड़ रहें थे। मैंने बब्लू का नौकर बनकर काम शुरू किया। कुछ महीनों में बब्लू का हाव भाव समझकर एक दिन उसके ही चाय में ज़हर डालकर पिला दिया।
बब्लू का काम ख़त्म होने के बाद उन वैश्यों का मालिक मैं बन गया। इस तरह मैंने 40 साल तक धंधा किया। लेकिन वक्त के साथ ज़माना बदला सरकार बदली और सारे रेडलाइट एरिया में छापा पड़ा। मुझे पुलिस ने पकड़ लिया।
दस साल की सज़ा हो गई। जेल आने के बाद यहां सबको देखा हर किसी को कोई न कोई मिलने आता। मगर मुझे मिलने कोई नहीं आया। हर किसी को उम्मीद रहती की उसके यहां से निकलने के बाद बाहर परिवार इंतजार कर रहा होगा लेकिन मेरा इंतजार कोई नहीं कर रहा था।
दस साल बाद
दस साल बाद आखिरकार मैं जेल से बाहर निकल ही गया। अपने गलतियों को और आगे बढ़ाना नहीं चाहता था मैं। इसलिए जहां सब-कुछ छोड़कर इस लालच की दुनिया में आया था। वहीं से शुरू करना सोचा और मैं वापस अपने घर लौट आया।
घर आकर देखा तो बस नाम का घर था। छत टूट चुकी थी। मेरा परिवार में कोई जिंदा नहीं था। घर की मरम्मत की और जाकर बचे हुए पैसों से रिक्शा ख़रीदा। उम्र नहीं थी कमाने की लेकिन लालच ने जकड़ लिया था। आज शमा को देखा तो समझ में कुछ नहीं आया। बस अफसोस हुआ। शायद उस दिन शमा से शादी कर लेता तो मैं भी दादा बन गया होता। लेकिन मैं तो बाप भी नहीं बन पाया।
मेरी लालच इतनी थी कि मैं एक अच्छा बेटा और एक अच्छा सौदागर भी नहीं बन पाया........
- Author- Amit Rockz
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