How to express love - Hindi fiction Story - Sasaplanet
Chapter - 4
यह दुनिया जिसने बनाई उसने अमिर - गरीब, बड़ा - छोटा , अवश्य बनाई लेकिन उसने एक चीज़ बड़ी ही सिद्द से बनाई जिसमें सबको बराबर का हक़ दिया और वो है प्रेम।
How to express love |
प्रेम की एक अलग ही कहानी है, समय के साथ भोपाली की कहानी एक नया मोड़ लेते जा रही थी। भोपाली अपने जिन्दगी में संघर्ष कर आगे बढ़ना चाह रहा था, लेकिन समय उसका साथ नहीं दे रही थी, दुसरी ओर उसकी प्रेम कहानी हर रोज़ एक नया मोड़ ले रही थी।
भोपाली - अगर मैं कहूं भगवान् से कि हे भगवान् मैंने आज ज्यादा मेहनत की है क्या अब मुझे सफलता मिलेगी।
लेकिन भगवान् कहते हैं हां बिल्कुल आज तुम्हें सिख मिलेगी जिससे तुम आने वाले समय में उपयोग कर लोगों की मदद कर पावोगे।
फैजु - यार समय पे सफलता और प्यार न मिले तो वो बाद में किसी काम के नहीं।
भोपाली - ये एक वक्त है, सदियां बीत जाएगी, शाय़द वह मुझे कभी मिल न पाएगी और यह बात का जब उसे पता चलेगा तब तक शायद हम बुढ़े हो जाएंगे।
फैजु - तो क्या तुम तब इस बात को उसे बताओगे उसे ?
भोपाली - समय का दौर ही कुछ ऐसा है, मैं जिस स्टेज़ में हूं अगर वह मेरा प्यार कबूल भी कर लेती है तो उसे परेशानी के शिवा कुछ नहीं मिलेगा।
फैजु - लेकिन जिस घर में प्यार नहीं होता वह घर नहीं होता।
भोपाली - लेकिन घर प्यार से तो नहीं चलता न !
फैजु - इतना मत सोच कल कालेज जा रहा है मिल गई तो बोल दे। एक साल में तेरा कालेज खत्म होने वाला है !
7 फरवरी 2020
रोज़ डे आशिकीको का सबसे बड़ा त्यौहार ये वैसा त्यौहार है जब एक प्रेमी अपने दूसरे प्रेमी को रोज का फूल देता है, और हजारों लाखों कसमें वादे करता है।
भोपाली - वाह क्या किस्मत पाई है मैंने रोज डे के दिन मेरा परीक्षा है।
शिवम - लगता है इनलोग कलेंडर नहीं देखता ?
हाहाहाहाहा
भोपाली - बहुत ही अच्छा किया जो दे दिया नहीं तो हम तुम्हारी भाभी को देख नहीं पाते !
हाहाहाहाहा
शिवम - फिर तो अच्छा किया।
भोपाली - हां।
जाने अंजाने में भोपाली की प्रेमिका उसके सामने खड़ी होकर बात करते रहती है अपने दोस्तों से और भोपाली अचानक उसको देखता है तो वह खुश हो जाता है लेकिन वह उसे अनदेखा कर देती है । भोपाली फिर भी खुश रहता है , उसे एक दिन अपने प्यार का इजहार करने का मौका देती हैं लेकिन वह नहीं कर पाता है इसलिए वह उसे अब अनदेखा करने लगी भोपाली यह बात जानता है लेकिन वह उसे नहीं बता सकता क्योंकि वह उससे कभी बात नहीं किया अगले दिन भी यही होता है परीक्षा के बाद उसे देखी पर उसे नज़र अंदाज़ करने लगी भोपाली काफी देर उसके सामने खड़ा रहा लेकिन वह उसे अनदेखा करने लगी।
अब आगे
भोपाली - यार मैं उसे कैसे क्या बताऊं समझ नहीं आता।
श्याम उसका दोस्त है।
श्याम - प्यार में ऐसा ही होता है तुम उसको देख कर ऐसा मत सोचों कि तुम उससे प्यार करते हो देखते ही सिधे हाय हलो बोलो अपने बात होना शुरू होगा।
भोपाली - अब मिलन को सालों बाद आएगी क्योंकि न उसका कोई परीक्षा हमारे साथ एक ही तारीख पर है अब तो बस यादें हैं।
सक्सेस भी है खोया हुआ प्यार भी अंजाना है,
वो आशिक ही होंगे जिन्होंने अपनी कहानी
लिखें होंगें किसी रेत पर ।
अलविदा मेरे दोस्त।
- Author - Amit Rockz
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