Millionaire Company Fiction Book
मेरा जन्म भारत के एक गरीब परिवार में हुआ था। हमारा गांव शहर से बीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित था। हमारे गांव के लोग ज्यादातर लोग पढ़ें लिखे नहीं थे। अन्य बच्चों की तरह मैं भी था। मुझसे भी कोई अलग बात नहीं थी। हम गांव के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ने जाते थे । और हम सभी खुश थे । हमारे गांव में बिजली नहीं थी। और गाड़ी जैसे अन्य साधन भी नहीं थे। अगर रोड से कोई गाड़ी पार होती तो हम लोग उसे देखने के लिए दौड़ते थे। आसमान में अगर कोई जहाज़ पार होती तो देखकर चिल्लाते थे ।
ये थी हमारी दुनिया।
दो दिन बाद वो लोग फिर आए और गांव में एक बैठक हुई । जिसमें उन लोगों ने कहा कि हम इस गांव में एक कंपनी खोलना चाहते हैं। यहां एक फैक्टरी लगाएंगे । और उस फैक्टरी में आप सभी को नौकरी मिलेगी और रहने के लिए यहां से दूर घर। बदले में आप लोग अपनी जमीन हमें देंगे।
इस बात पर कुछ लोग तैयार हो गए और कुछ ने समय मांगें।
मेरी मां को डर था कि अगर उन्होंने अगर जमीन लेकर अगर कुछ नहीं दिया तो हम कहां जाएंगे ।
पिता जी ने कहा अगर हमने ऐसा नहीं किया तो हम अपने बच्चे को कभी अच्छी शिक्षा नहीं दे पाएंगे। गांव के सभी लोगों ने यह रिष्क उठाने का निर्णय लिया।
मैं खुश था कि अब हम न्या जगह जाएंगे। जहां बिजली होगी , टीवी होगी।
कुछ दिनों में हम वहां से दुसरी जगह आ गए । हमें एक घर मिला जो हमारे पुराने घर से काफ़ी अच्छा था । हम मिट्टी की घर से पक्के में आ गए ।
फिर पिता जी को वहां काम मिल गई। कुछ दिनों में पिताजी ने कहीं मां से क्यो न हम भी अपने बच्चे को किसी अच्छे स्कूल में पढाएं ।
एक सप्ताह बाद मेरी एडमिशन एक प्राइवेट स्कूल में हो गई।
समय के साथ मैंने अच्छी बिजनेस की । आज भी उन बातों को याद करता हूं , की अगर उस कंपनी ने हमारे साथ धोखा किया होता तो मेरी किस्मत और मैं कुछ और होता।
बिजनेस हमेशा खुद के फायदे के लिए करने से नहीं चलता अगर हम ईमानदारी दिखाते है , तो किसी की जिंदगी भी बनती है।
2019 आज भी कई ऐसे लोग हैं जो कंपनी के नाम पर विश्वास से लोग पैसा उसमें लगाते हैं और कंपनी उन्हें धोखा देकर भाग जाती है। कई लोग आत्महत्या तो कुछ लोग हमेशा ग़रीबी में ही रह जाते हैं।
ये थी हमारी दुनिया।
Millionaire Company Fiction Book |
बड़ी कंपनी का आगमन
एक दिन हमारे गांव में कुछ लोग आए गाड़ी से हमलोग उन्हें देखने गए की गाड़ी में बैठने वाले लोग कैसे दिखते हैं। और हमने उन्हें देखा । उस दिन पहली बार मैंने देखा इतने नजदीक से कि गाड़ी के अंदर कैसी-कैसी चिजे होती है बैठने के लिए ।दो दिन बाद वो लोग फिर आए और गांव में एक बैठक हुई । जिसमें उन लोगों ने कहा कि हम इस गांव में एक कंपनी खोलना चाहते हैं। यहां एक फैक्टरी लगाएंगे । और उस फैक्टरी में आप सभी को नौकरी मिलेगी और रहने के लिए यहां से दूर घर। बदले में आप लोग अपनी जमीन हमें देंगे।
इस बात पर कुछ लोग तैयार हो गए और कुछ ने समय मांगें।
मेरी मां को डर था कि अगर उन्होंने अगर जमीन लेकर अगर कुछ नहीं दिया तो हम कहां जाएंगे ।
पिता जी ने कहा अगर हमने ऐसा नहीं किया तो हम अपने बच्चे को कभी अच्छी शिक्षा नहीं दे पाएंगे। गांव के सभी लोगों ने यह रिष्क उठाने का निर्णय लिया।
मैं खुश था कि अब हम न्या जगह जाएंगे। जहां बिजली होगी , टीवी होगी।
कुछ दिनों में हम वहां से दुसरी जगह आ गए । हमें एक घर मिला जो हमारे पुराने घर से काफ़ी अच्छा था । हम मिट्टी की घर से पक्के में आ गए ।
फिर पिता जी को वहां काम मिल गई। कुछ दिनों में पिताजी ने कहीं मां से क्यो न हम भी अपने बच्चे को किसी अच्छे स्कूल में पढाएं ।
एक सप्ताह बाद मेरी एडमिशन एक प्राइवेट स्कूल में हो गई।
बारह साल बाद
मैं अब चौबीस साल का हो गया और मैंने एक कंपनी भी खोली है । हमारी कंपनी अच्छी चल रही थी कि एक दिन हमारी कंपनी पिछे होने लगी । मैं काफी परेशान था। की मेरे दिमाग में एक आईडिया आया कि जिस तरह मैं बचपन में कार देखने के लिए उत्साहित था उसी तरह कुछ नया कंपनी में लाना होगा जिससे लोग उसमें आकृर्षित हो और लोग उस चिज़ को पहले न देखें हो।समय के साथ मैंने अच्छी बिजनेस की । आज भी उन बातों को याद करता हूं , की अगर उस कंपनी ने हमारे साथ धोखा किया होता तो मेरी किस्मत और मैं कुछ और होता।
बिजनेस हमेशा खुद के फायदे के लिए करने से नहीं चलता अगर हम ईमानदारी दिखाते है , तो किसी की जिंदगी भी बनती है।
2019 आज भी कई ऐसे लोग हैं जो कंपनी के नाम पर विश्वास से लोग पैसा उसमें लगाते हैं और कंपनी उन्हें धोखा देकर भाग जाती है। कई लोग आत्महत्या तो कुछ लोग हमेशा ग़रीबी में ही रह जाते हैं।
जनता- अगर आप भी किसी कंपनी में पैसा लगाना चाहते हैं तो पहले यह देखें कि वह कंपनी कब शुरू हुई, हर कंपनी की अपनी एक वेबसाइट होती है जो बताती है वह कंपनी कितने सालों से चलते आ रही हैं।
SASAPLANET द्वारा जनहित में जारी।- Author-Amit Rockz
Comments
Post a Comment