प्यार का इज़हार कैसे करे ?/ How to Express Love ?

प्यार का इज़हार कैसे करे ?/ How to Express Love ?

प्यार का इज़हार कैसे करे ?/ How to express love
प्यार का इज़हार कैसे करे ?
सुबह के चार बजे थे जब मैं उठा और मुँह हाथ धोकर साइकिल लेकर पेपर लेने चल पड़ा। फिर पेपर लेकर बाँटकर दो घंटे में वापस आ गया। हर रोज़ की तरह चावल चढ़ा कर गैस में नहाने चल दिया। तब तक फैजु और तेजू भी उठ गए। नहा कर वापस आया तब तक चावल भी पक जाता है। 
तेजू - आज भी चावल ही बना रहा है क्या भोपाली ?
भोपाली यानि मैं - हां भाई ग़रीब और खा भी क्या सकता है माड़ - भात के अलावा। 
तेजू - हाहाहा,,,,,,,,कभी - कभी दाल भी बना लिया करो ??
मैं - जरूर। 
मैं माड़ - भात खा रहा था मज़े से की मछरो ने इर्द -गिर्द घूम - घूम के और काट - काट के पैर में मूड ख़राब कर दिया। अगर मैं रहिस बाप का बेटा होता न तो इन मछरो को बताता अपुन क्या चीज है। 
नौ बजे से मेरा परीक्षा था , और अभी 7 : 51 हो गए थे खाते -पीते जल्दी - जल्दी तैयार हुआ की अचानक मेरा टाई नहीं मिलने लगा। 
मैं - फैजु मेरा टाई देखा है ?
फैजु - नहीं। 
मैं - अबे तेजू मेरा टाई ढूंढ दो न परीक्षा है और देर हो रहे है और टाई नहीं मिल रहा है। 
तेजू - आज बिना टाई के चले जाओ ?
मैं - मज़ा नहीं आता यार। 
बहुत मुश्किल से साला टाई मिला बिस्तर के निचे था। 
8 बजे मैं कॉलेज के लिए निकल गया , आधा रास्ता गया और ऑटो बैठने ही वाला था की पता चला मैं पर्स अपना रूम में ही भूल आया ? फटाक से मैंने फैजु को फ़ोन लगाया और 50 रुपया लेकर आधा रास्ता आने बोला। फिर पैसा लिया और ठीक पांच मिनट पहले कॉलेज पहुंच गया। 
पिछला परीक्षा कोई ख़ास नहीं गया था , कुछ सवाल नहीं बन रहे थे , बगल में एक लड़की से पूछा था तो नहीं बताई थी , बहुत प्रार्थना कर रहा था लेकिन उसने अपना कॉपी जमा कर के चली गई थी। उस दिन से मुझे उसपर बहुत गुस्सा था। लेकिन उस दिन समझ आ गया था , गलती से ही इंसान को प्रेरणा मिलती है। 
आज मैं तैयार था , कॉपी मिला क्वेश्चन मिला और हम सभी लिखने लगे की आधे घंटे बाद BCA का छुटी हो गया , हमारे क्लास के बगल से ही जा रहे थे , मैंने देखा लेकिन मैंने अपना नज़र परीक्षा से नहीं हटने दिया। क्योंकि मैं जिस लड़की से प्यार - मोहोब्त करता था वो BCA में ही पढ़ती थी। 
आज मैंने धुआँधार लिखा। और बाहर निकला सबसे पीछे। 
मैडम - ये किसका कॉपी है , अपना नाम भी नहीं लिखा है बुलाओ उसको ?
मैं - जी मैडम। 
कॉपी देखकर किसी ने बताया ये कौशल का कॉपी है। 
मैं उसको फ़ोन लगा रहा था , उसने उठाया नहीं ,फिर उसको किसी तरह बुलाया गया। 
कौशल हमेशा गाँजा पीकर नशे में रहता है , उसको सिर्फ उसका हेलमेट कहीं ना छूट जाय इस बात का चिंता रहता है। सच्चा महाँकाल  का भक्त है , हमेशा महाँकाल की भक्ति में लीन रहता है। 
जितना कौशल नास्ते में गाँजा पीता है , अगर उतना कोई पढ़ ले तो अल्बर्ट आइंस्टीन बन जायेगा। 
उसके बाद उसने अपने कॉपी में डिटेल भरा और मैं उसके साथ निचे जाने लगा , की अचानक मुझे BCA वाली मेरी प्यार मेरा मोहोब्त मुझे दिखी। 
अपुन उसको देखता रहा लेकिन गलती से भी वह मुझे नहीं देख पाई। 
मन तो किया की कुर्सी लगाकर उसको ही देखते रहे , लेकिन मुझे काफी दुःख भी होता है की मैं ऐसा नहीं कर सकता। 
वह अपुन के बगल से पार हो गई और मैं फिर कुछ नहीं बोल सका। एक साल से यही ड्रामा चल रहा है , हमेशा सोचता हूँ , बोल दू लेकिन कभी उससे बात करने का भी नसीब नहीं हुआ। एक साल बीत गए और न जाने कितने साल लगेंगे प्यार का इजहार करने में। 
इस कहानी का सिर्फ इतना अंत है , की इस प्यार का कोई अंत नहीं है। 
मैं तब तक उस से प्यार करेगा , जब तक मैं जिन्दा है। प्यार करते रहो दोस्तों मिलन मरने के बाद नसीब होगी। 
भाग - १ 
Author- Amit Rockz

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