An inspirational love story

An inspirational love story

        COMBODIA  1975
सन् 1975 यहाँ की हालात बत से बत्तर हो गए थे।  यहाँ चारो तरफ हर रोज सिर्फ लाशे ही दिखती ।यहाँ हर दिन लोग चाहते है की आज का दिन किसी तरह कट जाए।
combodia1975
combodia 1975
                
ये सब नही रूकता अगर मै और मेरा दोस्त विष्णू अगर India से कम्बोडिया न गए होते।
और ये सब तब न हुआ होता जब विष्णू सासा की प्यार मे न पड़ा होता।    
मै हूँ अखिल अगर आज मै जिन्दा हूँ तो सिर्फ विष्णू की वजह से विष्णू इस दुनिया मे नही है लेकिन मेरे दिल मे और सैकड़ो कम्बोडियन वासीयो के दिल मे हमेशा जिन्दा रहेगा।
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 एक दिन कम्बोडिया मे पढ़ोसी देश से कुछ लोग घूस आते है और उन्हे गुलाम बनाना चाहते है ,छोटे छोटे जगहो पर  से पूरे देश मे वे कब्जा करने की ओर बढ़ रहे थे। जो उनकी बात मानता उन्हे मार दिया जाता।
Combodia war
फिर वहाँ के लोगो ने अपना सम्राजय बचाने के लिए वे खुद लड़ने लगे।घूसपैठियो के पास ज्यादा अच्छे हथियार होने की वजह से उन्हे ज्यादा जीत मिल रही थी।हर तरफ हर रोज वहाँ के लोग मर रहे थे।
Combodia war      
 वहाँ की हालात का अंदाजा जलियाँवाला बाग हत्याकाँड भारत मे हुए के जैसा ही हर रोज हो रहा था ।1976 मे एक सख्स सामने आया सेलेन्स  जो अपने लोगो को हर तरफ मरता देख उसने एक ऐसी हाई टेक हथियार बनाने का फैसला किया ।
सेलेन्स को वैसी हथियार बनाने मे तीन साल लग गए उसने  ऐसी हथियार बनायी जिसका पावर पूरे युद्ध को एक ही बार मे खत्म करने की काबलियत रखता था। 
1979 हथियार शुरू होने से एक सप्ताह पहले विरोधियो को पता चल जाता है इस हथियार के बार मे वे लोग उसे  खोजने लगते है सेलेन्स छिपने के लिए कम्बोडिया बोडर थाईलैंड चला जाता है ।
Break time
  India
अब मै और विष्णू लंगोटिया यार हुआ करते थे। हम दोनो को शुरू से दारू से प्यार हुआ करता था ।लेकिन बीच मे विष्णू को सासा से प्यार हो जाता है।वह जब सासा को परपोज करता  है तब सासा ने इंकार कर दिया ।वह उसे दोस्त ही सिर्फ मानती थी।  लेकिन बीच मे दोनो के बीच काफी बात चीत की वजह से विष्णू को सासा से ज्यादा ही प्यार हो जाता है। विष्णू हर बार प्यार का इजहार करता है और सासा हर बार रिजेक्ट शायद सासा को विष्णू अच्छा नही लगता हो।
एक दिन जब वह सासा को इजहार करने गया तो वह उसे किसी और के साथ देखकर उसे सारी बाते समझ आ गई थी ।विष्णू के पैरो तले जमीन खिसक गई थी। 
 वह गम के मारे नशे मे डूब चूका था ।उसने मुझसे कहा अखिल:- मेरे भाई मुझे इस दुनिया मे नही रहना मुझे कही और लेके चल उसकी दिमागी हालत बिगड़ते जा रही थी इसलिए मै उसे लेकर थाईलैंड आ गया।
उसके बाद हम घूमने निकले बोट से ज्यादा रात होने के कारण हमलोग थक्कर एक छोटे बोट मे सो गए ।रात मे किसी ने या गलती से हमारी बोट खुल गई और हमलोग सुबह मे उठे किसी और जगह हमे पता नही चल पा रहा था हम कहाँ है??? फिर हमे  एक बोड दिखी जिसमे लिखा था कम्बोडिया बोडर
फिर हमे एक गूफा दिखा वहाँ हमारी मुलाकात सेलेन्स से होती है।सेलेन्स को शक था की हमलोग उनके विरोधी  है विश्वास दिलाने पर वह हमे सारी बात बताता है ।
दुश्मन उन्हे हर जगह तलाश कर रहे थे।
विष्णू :-सेलेन्स से क्या तुम्हे दुशमन् पहचानते है?
सेलेन्स :-नही।
विष्णू:-क्या होगा अगर मै उनके पास जाकर बोलू की मै ही सेलेन्स हूँ???
सेलेन्स:- वे तुम्हे मार देंगे।
विष्णू:-ये हथियार बनाने मे तुम्हे यहाँ से निकलकर बनाने मे कितना टाईम लगेगा???
सेलेन्स:- और तीन दिन।
विष्णू :-फिर तुम इन मासूमो को बचा पाओगे?
सेलेन्स :- जी हाँ।
विष्णू:-फिर तुम मासूमो को बचाओ मै तुम्हे बचाता हूँ।
अखिल :-अब तू पागल हो गया है ये लोग तुम्हे मार डालेगे।
दोस्त अब जीना भी कौन चाहता है । सासा को मेरी कुर्बानी जरूर बताना।
यह कहकर विष्णू विरोधी फौजियो के सामने बोलता है मै ही सेलेन्स हूँ।
उसके बाद विष्णू को बहुत मारा जाता है।
फिर विरोधी हुकूम्त ने विष्णू को हथियार देने का हुक्कम देती है और नही देने पर सबके सामने फाँसी की सजा। मै किसी भी किमत पर विष्णू को बचाना चाहता था लेकिन हथियार बनाने मे थोडी लेट हुई। हमलोग जबतक विष्णू को बचाते तब तक बिष्णू हमे थोड़कर इस दुनिया से चला गया था।

 फिर हम लोग लड़े और कम्बोडिया को जीत मिली।
फिर मै इंडिया आया और सासा को सारी बाते बताई।यह जानकर सासा अपने आपको कभी माफ नही कर सकी । लेकिन वह कही न कही खुश भी है की उसकी बेवफाई की वजह से कई सारे लोगो को नई जिन्दगी मिली।सासा अब अकेली अनाथ आश्रम चलाती है।
और मै आज भी नई नई जगहे घूमता हूँ।

A story by Amit Rockzz

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